औरत क्यों रोती है?
एक छोटे लड़के ने अपनी माँ को रोते देख पूछा,
“तुम क्यों रो रही हो?”
“क्योंकि मैं एक औरत हूँ|”, उसने उसे बताया|
लड़के ने कहा,
“मुझे समझ नहीं आता|”
उसकी माँ ने उसे गले लगाया और कहा,
“और तुम कभी समझ नहीं पाओगे|”
बाद में छोटे लड़के ने अपने पिता से पूछा,
“माँ क्यों बिना किसी कारण के रोने लगती है?”
“सभी महिलाएं बिना किसी कारण के रोती हैं|”
उसका पिता इससे ज्यादा कुछ न कह सका| छोटा लड़का समय के साथ बड़ा हुआ और अपने पिता की तरह एक समझदार आदमी बन गया| परन्तु अभी भी वह नहीं समझ पाया था की महिलाएं क्यों रोती हैं?
अंत में वह थक हार कर भगवान के पास पंहुचा| उसने भगवान से पूछा,
“भगवान, महिलाएं इतनी आसानी से क्यों रो देती हैं?”
भगवान ने कहा,
“जब मैंने औरत बनाया तो उसे कुछ विशेष बनाया|
मैंने सांसारिक बोझ उठाने के लिए उसके कंधों को काफी मजबूत बनाया, साथ ही तुम्हारे आराम के लिए पर्याप्त कोमलता दी|
मैंने उसे अंदरूनी ताकत दी, प्रसव-वेदना सहने के लिए, अपने बच्चों से मिलने वाले निरंतर अस्वीकृति और तिरस्कार सहने के लिए|
मैंने उसे ऐसी कठोरता दी जो उसे सबके द्वारा त्यागने या विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्मों से न डिगा पाए और बीमारी और थकान के बावजूद अपने परिवार का ख्याल बिना किसी शिकायत के करती रहे|
मैंने उसको सभी परिस्थितियों में अपने बच्चों को प्यार करने के लिए संवेदनशीलता दी चाहे उसका बच्चा उसे कितनी भी बुरी तरह से चोट पहुचाये|
मैंने उसे ताकत दी जिससे वह अपने गलत पति को भी संभाल सके और उसके हृदय की पसली बनकर उसकी रक्षा करे|
मैंने उसे यह ज्ञान दिया कि एक अच्छा पति कभी अपनी पत्नी को दर्द नहीं देता, लेकिन कभी कभी उसकी ताकत और उसके बुद्धिमता की परीक्षा लेता है, यह पता करने को की वो हर कदम पर उसके साथ अडिग खड़ी है|
और अंत में, मैंने एक आंसू दे दिया उसे, बहाने को| यह उसे विशेष रूप से उपयोग करने के लिए दिया, जब भी उसे इसकी जरुरत महसूस हो, जब भी यह आवश्यक हो|”
“इसलिए हे मेरे प्यारे पुत्र”, भगवान ने आगे कहा,
“एक औरत की सुंदरता उन कपड़ो में नहीं जो वो पहनती है, उस शरीर – सौष्ठव में नहीं है जो उसके पास है, या उस अंदाज में नहीं है जिस तरह से वह अपने बाल में कंघी करती है|
एक औरत की खूबसूरती उसकी आँखों में देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह उसके हृदय का द्वार है जहाँ प्रेम का निवास है|”
वैरी good
your explanation is really marvelous .
एक्सीलेंट – सेरेस्ठ,उतम
बहुत अच्छा लिखा है आपने
Aapne bahut achhi baat likhi hai.lekin aurat ki paribhasha aaj kal ki nayi generation nahi janti hai.Kuchh shabd ladkiyon ke bare me likhen jo jiwan bhar aurat nahi ban patin.sirf luxurious life ki wajah se,auraten bahut bura kar rahi hain…kuchh dino baad mardon ko bhi apna haq mangna padega.
AGAR AURAT ROTI HAI TO USKA KAI KARAN HAI
AAPNE JO BAAT LIKHA HAI WO THIK HAI BUT AAJ KAL KI SAARI AURAT AISE NAHI HAI WO BHI FROD HAI
औरत अगर रोती है तो उसका कारण एक औरत ही होती है.
Very very nice
thanks for coment on story .very good story 09430551284
एक्सीलेंट लिखा है समझदारी ही सब कुछ
जिसने भी लिखा है बहुत ही बढ़िया लिखा है.
Thanks” likhna ka liye
Wao yaar tune rula diya,very sweet
adbhut .maa ganga hoti hai
क्या समझ है तुम्हारी|
भगवान ने कहा,
“जब मैंने औरत बनाया तो उसे कुछ विशेष बनाया|
मैंने सांसारिक बोझ उठाने के लिए उसके कंधों को काफी मजबूत बनाया, साथ ही तुम्हारे आराम के लिए पर्याप्त कोमलता दी|
मैंने उसे अंदरूनी ताकत दी, प्रसव-वेदना सहने के लिए, अपने बच्चों से मिलने वाले निरंतर अस्वीकृति और तिरस्कार सहने के लिए|
मैंने उसे ऐसी कठोरता दी जो उसे सबके द्वारा त्यागने या विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्मों से न डिगा पाए और बीमारी और थकान के बावजूद अपने परिवार का ख्याल बिना किसी शिकायत के करती रहे|
मैंने उसको सभी परिस्थितियों में अपने बच्चों को प्यार करने के लिए संवेदनशीलता दी चाहे उसका बच्चा उसे कितनी भी बुरी तरह से चोट पहुचाये|
मैंने उसे ताकत दी जिससे वह अपने गलत पति को भी संभाल सके और उसके हृदय की पसली बनकर उसकी रक्षा करे|
मैंने उसे यह ज्ञान दिया कि एक अच्छा पति कभी अपनी पत्नी को दर्द नहीं देता, लेकिन कभी कभी उसकी ताकत और उसके बुद्धिमता की परीक्षा लेता है, यह पता करने को की वो हर कदम पर उसके साथ अडिग खड़ी है|
और अंत में, मैंने एक आंसू दे दिया उसे, बहाने को| यह उसे विशेष रूप से उपयोग करने के लिए दिया, जब भी उसे इसकी जरुरत महसूस हो, जब भी यह आवश्यक हो|”
“इसलिए हे मेरे प्यारे पुत्र”, भगवान ने आगे कहा,
“एक औरत की सुंदरता उन कपड़ो में नहीं जो वो पहनती है, उस शरीर – सौष्ठव में नहीं है जो उसके पास है, या उस अंदाज में नहीं है जिस तरह से वह अपने बाल में कंघी करती है|
एक औरत की खूबसूरती उसकी आँखों में देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह उसके हृदय का द्वार है जहाँ प्रेम का निवास है|”
राम जाने देश का क्या हल होगा किसी को कुछ पता नहीः है जिश को जो समझ में ए वही कहना चालू कर देता है भले उसका मतलब कुछ भी निकले उसको क्या परवाह है
बहुत बढ़िया